This entry was posted in Twitter on November 29, 2013 by twilight “हल्के हल्के कोहरे के धुएं में, शायद आसमान तक आ गई हूं, तेरी दो निगाहों के सहारे, देखूं तो कहाँ तक आ गई हूं”
Reply ↓ chandravikash November 29, 2013 at 22:19 RT @twilightfairy: “हल्के हल्के कोहरे के धुएं में, शायद आसमान तक आ गई हूं, तेरी दो निगाहों के सहारे, देखूं तो कहाँ तक आ गई हूं”
RT @twilightfairy: “हल्के हल्के कोहरे के धुएं में, शायद आसमान तक आ गई हूं, तेरी दो निगाहों के सहारे, देखूं तो कहाँ तक आ गई हूं”